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जयपुर मेट्रो का नया चरण: यात्रा में बदलाव की उम्मीद

जयपुर ‒ “गुलाबी नगरी” ‒ को ट्रैफिक जाम, प्रदूषण और अनियमित सार्वजनिक परिवहन से राहत दिलाने की दिशा में मेट्रो परियोजनाएँ एक बड़ी उम्मीद हैं। वर्तमान में मेट्रो का परिचालन पिंक लाइन (Phase-1) पर जारी है, लेकिन सरकार ने विस्तार की दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं। इस ब्लॉग में जानेंगे कि फेज-2 व अन्य एक्सटेंशन क्या हैं, उनकी पहुँच किस तरह बढ़ेगी, और आने वाले समय में क्या बदलाव हो सकते हैं।
जयपुर ‒ “गुलाबी नगरी” ‒ को ट्रैफिक जाम, प्रदूषण और अनियमित सार्वजनिक परिवहन से राहत दिलाने की दिशा में मेट्रो परियोजनाएँ एक बड़ी उम्मीद हैं। वर्तमान में मेट्रो का परिचालन पिंक लाइन (Phase-1) पर जारी है, लेकिन सरकार ने विस्तार की दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं। इस ब्लॉग में जानेंगे कि फेज-2 व अन्य एक्सटेंशन क्या हैं, उनकी पहुँच किस तरह बढ़ेगी, और आने वाले समय में क्या बदलाव हो सकते हैं।
Phase-2: एक बड़ा विस्तार
Phase-2: एक बड़ा विस्तार

Phase-2 जयपुर मेट्रो की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है। इसके तहत प्रस्तावित प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं:

विशेषता

विवरण

लंबाई

लगभग 42.80 किलोमीटर

स्टेशन की संख्या

कुल 36 स्टेशन प्रस्तावित, जिनमें से 34 होंगे ऊँचे (elevated) और 2 स्टेशन भूमिगत।

लागत

अनुमानित लागत लगभग ₹12,260 करोड़

अनुदान / निधि स्रोत

इस परियोजना को राज्य सरकार और केंद्र सरकार की संयुक्त उद्यम कंपनी द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। ADB और AIIB जैसे संस्थानों से ऋण लेने की स्वीकृति मिली है।

रूट और जोड़ने वाले क्षेत्र

यह रूट टोडी मोड़ (Todi Mod) से प्रह्लादपुरा (Prahladpura) तक जाएगा। यह वी. के. आई. औद्योगिक क्षेत्र (VKI Industrial Area), सीतापुरा (Sitapura), टोंक रोड, विद्याधर नगर जैसे आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्रों से गुज़रेगा। हवाई अड्डे के प्रस्तावित नए टर्मिनल के नीचे एक भूमिगत स्टेशन प्रस्तावित है।

समय सीमा

केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद निर्माण शुरू होगा। समाचारों में बताया गया है कि Diwali तक निर्माण शुरू होने की उम्मीद है। पूरा होने में लगभग 5 साल लगने की संभावना है।


इससे शहर को क्या लाभ होंगे?

  1. बेहतर कनेक्टिविटीनई मेट्रो कतारें जयपुर के उन इलाकों को जुड़ेगी जहाँ अभी सार्वजनिक परिवहन सीमित है। यात्रियों को कम बदलावों (transfers) के साथ सफर करना आसान होगा।

  2. यातायात की समस्या में कमीनिजी वाहनों की संख्या और सड़क ट्रैफिक जब कम होगा, तो समय की बचत होगी और सड़क जाम की समस्या घटेगी।

  3. पर्यावरणीय लाभमेट्रो द्वारा चलने वाले यात्री‐वाहन वाहन धुआँ कम करेंगे, प्रदूषण कम होगा, और ऊर्जा की खपत बेहतर होगी।

  4. आर्थिक विकासमेट्रो स्टेशन के आस-पास के क्षेत्र विकसित होंगे — व्यापार, आवास, किराया आदि में वृद्धि संभव है। साथ ही नौकरी निर्माण में भी अवसर बढ़ेंगे।


निष्कर्ष


जयपुर मेट्रो का नया फेज जहाँ शहर की ट्रैवलिंग को आसान बनाएगा, उसी के साथ जयपुर को एक आधुनिक और पर्यावरण मित्र शहर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। Phase-2 और 1C/1D एक्सटेंशन्स पूरी होने पर “गुलाबी नगरी” की सड़कों पर ट्रैफिक जाम व पर्यावरणीय दबाव कम होंगे, और लोगों के लिए समय और सुविधा में सुधार होगा।

 
 
 

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