जयपुर रिंग रोड निर्माण से जुड़ी ताज़ा और महत्वपूर्ण जानकारियाँ हिंदी में निम्नलिखित हैं:
- Ganesh yadav
- Jul 24
- 2 min read


▶️ महापुरा क्लोवरलीफ इंटरचेंज में देरी
जयपुर–अजमेर रिंग रोड पर महापुरा में बनने वाला क्लोवरलीफ इंटरचेंज राज्य सरकार द्वारा ज़मीन हस्तांतरण में देरी के कारण अब तक पूरा नहीं हो पाया है। इससे जो जयपुर‑बाउंड रैंप है, वो अधूरा है, जबकि अजमेर‑साइड निर्माण जारी है। मूल पूरा होने की समय सीमा मार्च 2026 थी, लेकिन देरी की वजह से अब यह कार्य संभवतः साल 2025 के अंत तक खिंच सकता है।
📅 विशेष ध्यान दें: मूल परियोजना की डेडलाइन – मार्च 2026, लेकिन वर्तमान अनुमान नया समय सीमा – दिसंबर 2025 तक।
▶️ ट्रैफिक परेशानी व मार्ग बंदी कार्य
महापुरा क्रॉसिंग और सिग्नल को रिंग रोड क्लोवरलीफ निर्माण की वजह से अस्थायी रूप से बंद रखा गया है। इससे बड़ी गाड़ियों को लंबा डेटूर (4‑6 km तक) करना पड़ता है, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा हो रही है। निर्माण पूरा होने का नया लक्ष्य: जुलाई 2025 तक।
▶️ क्लोवरलीफ निर्माण की प्रगति
NHAI ने यह घोषणा की थी कि क्लोवरलीफ काम मई 2025 तक पूरा हो जाएगा, लेकिन जैसा ऊपर बताया गया है, ज़मीन अधिग्रहण की अड़चनों के कारण समय सीमा पूरी तरह से सुलभ नहीं हुई।
▶️ उत्तरी रिंग रोड (Northern Ring Road) परियोजना
आगरा रोड से दिल्ली बॉन्डेज तक बनाए जा रहे दक्षिणी रिंग रोड के अतिरिक्त, अब उत्तरी रिंग रोड (Northern Ring Road) तैयार किया जा रहा है जिसका प्रस्ताव लगभग 107–110 km लंबा है और 294 गांवों से भूमि अधिग्रहण किया जाना है। इसमें 6‑लेन का 90 मीटर चौड़ा रोड और दोनों ओर 145‑145 मीटर के डेवलपमेंट कॉरिडोर शामिल हैं। निर्माण की अनुमानित लागत लगभग ₹6,500–₹6,800 करोड़ है।
केंद्र सरकार की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है, रिपोर्टिंग के अनुसार DP R तैयार की जा रही है और जैसे ही खसरा रिपोर्ट मिलने लगेगी, भूमि अधिग्रहण और स्थान पर निर्माण कार्य शुरू होगा।
📉 निर्माण और ट्रैफिक पर असरन
महापुरा के क्लोवरलीफ अधूरे होने से अभी भी दोहरी टर्निंग की आवश्यकता है, जिससे ट्रैफिक बाधित है और दुर्घटना की संभावना रहती है।
अस्थायी बंदी और सीमित मार्गों के कारण यात्रियों को लंबा डेटूर करना पड़ रहा है, विशेषकर भारी वाहन चालक प्रभावित हैं।
उत्तरी रिंग रोड परियोजना को पूर्ण रूप से कार्यान्वित होने से शहरी क्षेत्रों में ट्रैफिक दबाव एवं प्रदूषण में कमी होगी, साथ ही किसानों को भी बेहतर मुआवजा मिलने की व्यवस्था है।
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